"मौलिक अधिकारों का रक्षक या अत्याचारी ? मध्यप्रदेश में प्रशासनिक ज्यादतियों का खुलासा"

"मौलिक अधिकारों का रक्षक या अत्याचारी ? मध्यप्रदेश में प्रशासनिक ज्यादतियों का खुलासा"

रतलाम में सिल्वर इन कॉलोनी, के निवासियों ने मूल अधिकारों के हनन के खिलाफ दर्ज की शिकायत

News Right/ मध्य प्रदेशः रतलाम में सिल्वर इन कॉलोनी के निवासियों ने स्थानीय प्रशासन के खिलाफ एक गंभीर शिकायत दर्ज की है। उन्होंने दावा किया है कि उनके मौलिक अधिकारों का हनन हो रहा है और उन्होंने अपनी शिकायत कई उच्च अधिकारियों और संस्थाओं को भी भेजी है।

शिकायत का विवरणः

रतलाम में सिल्वर इन कॉलोनी, के निवासी अपनी समस्याओं से परेशान होकर माननीय राष्ट्रपति महोदय, सर्वोच्च न्यायालय, मानव अधिकार आयोग, रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (RERA) और अन्य संबंधित अधिकारियों को शिकायत भेजी है। शिकायत में निम्मलिखित प्रमुख समस्माओं को उजागर किया गया है:

1. स्ट्रीट लाइट की व्यवस्थाः- कॉलोनी में पिछले दो वर्षों से स्ट्रीट लाइट्स बंद पड़ी हैं। रात में पूरे क्षेत्र में अंधेरा रहता है, जिससे सुरक्षा की दृष्टि से गंभीर खतरे उत्पन्न हो रहे हैं। कई बार शिकायतें दर्ज कराने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। निवासियों का कहना है कि यह संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन है, जिसमें जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार निहित है।

2. पीने के पानी की व्यवस्था: कॉलोनी में पानी की टंकी तो बनाई गई है, लेकिन पानी की आपूर्ति नहीं की जा रही है। इसके कारण निवासियों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। यह भी संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन है, जिसमें सम्मानजनक जीवन के लिए आवश्यक मूलभूत सुविधाओं का अधिकार शामिल है।

3. खराब सीवरेज व्यवस्थाः- कॉलोनी की सीवरेज व्यवस्था अत्यंत खराब स्थिति में है। सीवरेज के पानी का समुचित निकास न होने के कारण सड़कें और गलियाँ गंदगी से भरी रहती हैं, जिससे गंभीर स्वास्थ्य समस्याएँ उत्पन्न हो रही हैं। यह संविधान के अनुच्छेद 21 और अनुच्छेद 47 का उल्लंघन है।

4. बच्चों के गार्डन की कमी: कॉलोनी में बच्चों के खेलने के लिए गार्डन तो है, लेकिन वह अच्छी तरह से व्यवस्थित नहीं है। इसके कारण बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास में बाधा उत्पन्न हो रही है। यह भी संविधान के अनुच्छेद 21 और अनुच्छेद 39 का उल्लंघन है।

सीएम हेल्पलाइन शिकायतें:- स्थानीय निवासियों ने अपनी समस्याओं को हल करने के लिए सीएम हेल्पलाइन पर कई बार शिकायतें दर्ज कराई हैं। निम्मलिखित शिकायत क्रमांक हैं: 11918987, 15814373, 21012922, 26639080, 27249573, 27318844, 27320053, 27141924, 27039839। इन शिकायतों को बिना किसी ठोस समाधान के निराकृत कर दिया गया है, जिससे निवासियों में आक्रोश है। उनका कहना है कि समाधान प्रक्रिया में गंभीर त्रुटियाँ हैं और स्थानीय प्रशासन ने अब तक कोई उचित कार्यवाही नहीं की है। 

मुख्यमंत्री को भेजी गई शिकायतः

सिल्वर इन कॉलोनी निवासियों ने अपनी समस्याओं को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री को भी भेजा है। उन्होंने मुख्यमंत्री कार्यालय से हस्तक्षेप की मांग की है ताकि उनकी समस्याओं का शीघ्र समाधान हो सके और वे सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन जी सकें।

निवासियों की प्रतिक्रियाः

अधिवक्ता मो. रिजवान खान ने कहा, "हमने कई बार शिकायतें की हैं, लेकिन प्रशासन ने हमारी समस्याओं को अनदेखा किया है। इस आधार पर यह कहना गलत नही होगा कि हमारे मौलिक व मानव अधिकारों का हनन हो रहा है सविधान के अनुछेद 12 के अंतर्गत स्ट्रेट की परिभाषा बताई गई है और स्टेट का यह कर्त्तव्य है की वह अपने देश के नागरिको व अन्य लोगो के मौलिक व मानव अधिकारों की रक्षा करे और उनकी व्यवस्था करे, परन्तु स्ट्रेट की श्रेणी में आने वाले अधिकारीयो ने अपने आचरण नियमो का पालन उक्त समस्या के समाधान के लिए नही किया जिससे स्थानीय निवासियों के मौलिक व मानव अधिकारो का हनन किया जा रहा है जिसके लिए स्टेट जिम्मेदार है जिस कारण हमें इस स्थिति को सुधारने के लिए उच्च अधिकारियों से मदद की आवश्यकता है