परेड ग्राउंड से गुंजा सम्मान का स्वर: रतलाम पुलिस अधीक्षक ने सलामी के साथ सुनी पुलिसकर्मियों की व्यथा, दरबार में किया तत्काल समाधान

News Right : रतलाम में पुलिसकर्मियों की समस्याओं और उनके कल्याण को प्राथमिकता देते हुए पुलिस अधीक्षक रतलाम अमित कुमार द्वारा आज सुबह 8 बजे पुलिस लाइन रतलाम में जिले के सभी थाना प्रभारी और एसडीओपी सीएसपी सहित पुलिस बल द्वारा परेड ग्राउंड में परेड करके सलामी दी गई।
साथ ही एक विशेष पुलिस दरबार का आयोजन भी किया गया। पुलिस अधीक्षक ने स्वयं इस कार्यक्रम की अध्यक्षता की और पुलिस बल की व्यस्तता के चलते अनसुनी रह जाने वाली समस्याओं को सुना और हल किया।
इस अवसर पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राकेश खाखा सहित जिले के सभी अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे। दरबार के दौरान जिले के 250 से अधिक पुलिसकर्मियों की विभागीय और व्यक्तिगत समस्याओं पर खुलकर चर्चा की गई। पुलिस अधीक्षक ने न केवल उनकी समस्याओं को सुना बल्कि कई मामलों का मौके पर ही त्वरित समाधान भी किया।
22 पुलिसकर्मियों की समस्याओं का तत्काल समाधान
इस कार्यक्रम में निरीक्षक, उपनिरीक्षक, आरक्षक और प्रधान आरक्षक सहित विभिन्न पदों पर कार्यरत कुल 22 पुलिसकर्मियों की समस्याओं का निदान किया गया। इनमें प्रमुख रूप से शामिल रहे:
निरीक्षक: मुनेन्द्र गौतम, अय्यूब खान
उपनिरीक्षक: ममता श्रीवास्तव, मदनलाल सांखला, शिवनाथ सिंह राठौर, एम एल भाटी, अखिलेश सूर्यवंशी, जे एस चंदेल, एम जाकिर मंसूरी
प्रधान आरक्षक एवं आरक्षक: हिम्मत सिंह, शिवपाल, राकेश निनामा, गजपाल सिंह, संदिप शर्मा, रामदयाल मीणा, पी.एल निनामा, पन्ना भुरिया
इन पुलिसकर्मियों ने विभिन्न प्रकार की व्यक्तिगत और विभागीय समस्याओं को रखा, जिनका समाधान पुलिस अधीक्षक ने तुरंत सुनिश्चित किया। यह पहल पुलिसकर्मियों के मानसिक तनाव को कम करने और उनकी कार्यक्षमता बढ़ाने में सहायक सिद्ध होगी।
पुलिस अधीक्षक की पहल से सकारात्मक संदेश
पुलिस अधीक्षक अमित कुमार ने इस दरबार के माध्यम से यह संदेश दिया कि पुलिस बल का कल्याण उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मियों की समस्याओं के समय पर समाधान से न केवल उनकी कार्यक्षमता में सुधार होगा, बल्कि उनका मनोबल भी ऊंचा रहेगा।
यह पहल रतलाम पुलिस के आंतरिक समन्वय और कर्मचारी कल्याण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। दरबार के सफल आयोजन से पुलिसकर्मियों ने राहत महसूस की और इसे एक सकारात्मक पहल के रूप में देखा।