मध्यप्रदेश में RTE की ऑनलाइन वेरिफिकेशन की कमी ने विद्यार्थियों को किया प्रभावित

News Right / 29 फरवरी, 2024( मो.रिजवान खान अधिवक्ता) शिक्षा में सामाजिक न्याय और समानता की भावना को ध्यान में रखते हुए, निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 का महत्व प्रमुख है। हाल ही में, एक रिपोर्ट आई है कि कई प्रार्थी ऑनलाइन आवेदन के दौरान RTE के अंतर्गत अपने बच्चों के लिए आवेदन कर रहे हैं, लेकिन ऑनलाइन वेरिफिकेशन की कमी के कारण उन्हें शिक्षा प्राप्त करने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।
मध्यप्रदेश के रतलाम जिले में ऐसे कई मामले सामने आए है उसी में से,एक प्रार्थी ने बताया की उसने अपने पुत्र के लिए आवेदन किया था, उनके द्वारा दिए गए सभी आवश्यक दस्तावेजों में पुत्र का नाम सही रूप से उल्लिखित था। लेकिन आर.टी.ई. के ऑनलाइन वेरिफिकेशन प्रक्रिया में त्रुटि के कारण, पुत्र का नाम सही रूप से प्रमाणित नहीं हो पाया। इसके परिणामस्वरूप, प्रार्थी के पुत्र को शिक्षा प्राप्त करने में विलम्ब हो रहा है।
निश्चित रूप से, इस स्थिति ने अधिकारित कार्यवाहियों को संवेदनशील बनाने की आवश्यकता को उजागर किया है। सार्वजनिक स्तर पर, RTE के अंतर्गत आवेदन करने वालों के लिए सही और प्रभावी वेरिफिकेशन प्रक्रिया को सुनिश्चित करने के लिए सरकारी अधिकारियों को सक्रिय रूप से काम करने की जरूरत है।
आर्टिकल 21,21A, 15(3) और अन्य संविधानिक मूल्यांकनों के अनुसार, प्रत्येक बच्चे को शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार है, और ऐसी स्थितियों में शिक्षा अधिकार को पूरा करने के लिए अधिकारित प्रक्रियाओं को त्वरित किया जाना चाहिए।
आखिरकार, सभी बच्चों को उनके अधिकार के अनुसार शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार है, और यह अधिकार समय पर पूरा किया जाना चाहिए। आर.टी.ई. और सरकारी अधिकारियों को इस मामले को त्वरित और सकारात्मक तरीके से समाधान करने के लिए काम करना चाहिए, ताकि हम समाज में न्याय और समानता को सुनिश्चित कर सकें।