MP News:-MP के रतलाम में 10 साल से तरस रही लेकिन प्रशासन में कोई सुनने वाला नहीं

MP News:-MP के रतलाम में 10 साल से तरस रही लेकिन प्रशासन में कोई सुनने वाला नहीं

खबर एमपी के रतलाम की है जहा रतलाम नगर पालिक निगम के द्वारा प्रमाणित की गई एक ऐसी कॉलोनी है जो पिछले 10 साल से सड़क के लिए तरस रही है लेकिन बदकिस्मती यह है कि प्रशासन मैं कोई सुनने वाला नहीं यह कॉलोनी रतलाम के V.I.P एरिया से लगी हुई है जहां पर रतलाम के बड़े से बड़े अधिकारी निवास करते हैं लेकिन बावजूद इसके अधिकारी वर्ग अपने अधिकारीयो की नहीं सुनते, ये कैसा सिस्टम है जो जनता की सेवा के लिए बना है या A.C (air conditioner) में आराम करने वाले जिम्मेदारों के लिए बनाया गया है

जहां कागजातो पर कॉलोनी को डेवलप बता कर लोगो को बेवकूफ बनाया जाता है और प्लॉट सेल कर दिए जाते है आखिर कोन सुनेगा इन लोगो की गुहार, जिस सिस्टम में वर्तमान के सयुक्त कलेक्टर रतलाम को ही अपने निजी खर्च पर ही 70×20 की सड़क बनवानी पड़ी उस सिस्टम से आप क्या उम्मीद रखोंगे,

आप इस बात से बेहतर समझ सकते है की रतलाम नगर पालिका की रतलाम के विकास में कैसी भूमिका रही है जहा संयुक्त कलेक्टर को 10 साल से परेशान होकर खुद को ही एक सड़क बनवानी पड़ी। क्या ऐसे ही बनेगा हमारा भारत महान क्या ऐसे ही बनेगा रतलाम स्मार्ट सिटी करोड़ों रुपए खर्च कर सरकार योजना बनाती हैं और सिस्टम में बैठे अधिकारी क्या खूब ढंग से काम करते हैं यह तो आप संयुक्त कलेक्टर की पीड़ा देखकर ही समझ जाएंगे की रतलाम नगर निगम के पास जब संयुक्त कलेक्टर के लिए ही समय नही है तो जनता के लिए क्या समय होगा। 

बरहाल किसी हादसे का इंतजार करिए फिर देखना इंदौर की तरह ही रतलाम आयुक्त महोदय जवाब देते नजर आयेंगे की हम संबंधित पर कैस दर्ज कर रहे हैं। 

साहब आपने एक कहावत तो सुनी होगी की इलाज से बेहतर होता है एहतियात