भारत निर्वाचन की घोषणा:- रतलाम कलेक्टर द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई

भारत निर्वाचन की घोषणा के बाद रतलाम में कलेक्टर द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई
News Right:- रतलाम कलेक्टर नरेंद्र सूर्यवंशी ने बताया कि किसी भी राजनीतिक दल, अभ्यर्थी या किसी अन्य व्यक्ति जो निर्वाचन से जुड़ा हो (निर्वाचन संबंधी आधिकारिक कर्तव्य को पूरा करने वाले अधिकारियों को छोड़कर) के द्वारा निर्वाचन के दौरान निर्वाचन से संबंधित निर्वाचन प्रचार निर्वाचन कार्य या निर्वाचन संबंधी यात्रा के लिए, आधिकारिक वाहनों के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध होगा। "आधिकारिक वाहन" से तात्पर्य यह है कि, परिवहन के उद्देश्य से उपयोग किए जाने वाले या उपयोग किए जा सकने वाले कोई भी वाहन चाहे वह यांत्रिक शक्ति द्वारा संचालित हो या अन्यथा, इसमें ट्रक लॉरी, टेम्पो, जीप, कार, ऑटो रिक्शा, ई-रिक्शा, बसें शामिल होंगे, और साथ ही इसमें केंद्र सरकार, राज्य सरकार / संघ राज्य क्षेत्रों के प्रशासन, केंद्र / राज्य सरकार के सार्वजनिक उपक्रमों, केंद्र / राज्य सरकार के संयुक्त उपक्रमों, स्थानीय निकाय, नगर निगमों, विपणन बोर्डों, सहकारी समितियों या किसी भी अन्य निकाय से संबंधित वाहन भी शामिल हैं जिनमें कुल सार्वजनिक निधियों का भले ही कम अंश का निवेश किया गया हो। निर्वाचन की घोषणा के 24 घंटे के भीतर जिला निर्वाचन अधिकारी, के निदेशों का अनुपालन करना होगा।
सरकारी राजकोष की लागत पर विज्ञापन :-
समाचार पत्रों और अन्य मीडिया में सार्वजनिक राजकोष की लागत पर और राजनीतिक समाचार और उपलब्धियों के बारे में प्रचार के पक्षपातपूर्ण कवरेज के लिए निर्वाचन अवधि के दौरान सत्ताधारी दल की संभावनाओं को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आधिकारिक जन-संचार के दुरुपयोग से सावधानीपूर्वक बचा जाना चाहिए। सरकारी राजकोष पर इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया में कोई विज्ञापन जारी नहीं किया जाएगा। यदि प्रिंट मीडिया में टेलीकास्ट / प्रसारण या प्रकाशन के लिए कोई विज्ञापन पहले ही जारी किया गया है, तो यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर इस तरह के विज्ञापनों का टेलीकास्ट प्रसारण रोक दिया जाए, और ऐसा कोई भी विज्ञापन किसी भी समाचार पत्र पत्रिकाओं आदि में प्रकाशित नहीं किया जाए अर्थात् प्रिंट मीडिया में और घोषणा की तारीख से इसे तुरंत वापस लिया जाना चाहिए। निर्वाचन की घोषणा के तुरंत बाद, प्रिंट / इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से ऐसे किसी भी विज्ञापन को हटाने / रोकने के लिए जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा तत्काल कार्रवाई की जायेगी ।
आधिकारिक वेबसाइट पर राजनीतिक पदाधिकारी की तस्वीर :-
केंद्रीय / राज्य सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध मंत्रियों, राजनेताओं या राजनीतिक दलों के सभी संदर्भ हटा दिए जाएंगे। राज्य विभागों की आधिकारिक वेबसाइटों से किसी भी राजनीतिक पदाधिकारी की तस्वीरों को हटाने / छिपाने के लिए तत्काल कार्रवाई की जायेगी।
विकास / निर्माण संबंधी गतिविधियाँ : -
निर्वाचन की घोषणा के 72 घंटों के भीतर ऐसे कार्यों की सूची जो पहले से ही जमीनी स्तर पर आरंभ किए जा चुके हैं तथा ऐसे नए कार्यों की सूची जो जमीनी स्तर पर आरंभ नहीं हुए हैं, प्राप्त की जायेगी।
जिले में शामिल विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र: -
1. 219 - रतलाम ग्रामीण (अजजा)
2. 220- रतलाम शहर
3. 221 सैलाना (अजजा)
4. 222 - जावरा
5. 223-आलोट (अजा)
विधानसभा सामान्य निर्वाचन-2023 की घोषणा / निर्वाचन कार्यक्रम ।
राजनैतिक दलों के लिये आदर्श आचरण संहिता ।
आदर्श आचार संहिता के पालन से संबंधित महत्वपूर्ण बिंदु
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा विधानसभा सामान्य निर्वाचन 2023 की आज घोषणा के साथ ही "आदर्श आचार संहिता' प्रभावशील हो गई हैं। आयोग ने अपने निदेशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने और नीचे दिए गए अनुसार
संपत्ति का विरूपण -
समयबद्ध कार्रवाई सुनिश्चित करने का निदेश दिया है -
(क) सरकारी संपत्ति का विरूपण सरकारी परिसर में कोई सरकारी कार्यालय और परिसर शामिल होगा जिसमें कार्यालय भवन स्थित है। सरकारी संपत्ति पर सभी दीवार लेखन, पोस्टर / कागज या सरकारी संपति पर किसी अन्य रूप में विरूपण, कटआउट / होर्डिंग्स, बैनर, ध्वज आदि को निर्वाचन की घोषणा से 24 घंटे के भीतर तत्काल हटा दिया जाएगा।
(ख) सरकारी संपत्ति का विरूपण और सरकारी स्थान का दुरुपयोग निर्वाचन की घोषणा से 48 घंटे के भीतर सरकारी संपत्ति और रेलवे स्टेशनों, बस स्टैंडों, हवाई अड्डों, रेलवे पुल, रोडवेज, सरकारी बसों, बिजली / टेलीफोन के खर्मा, नगर पालिका / स्थानीय निकायों / आंगनवाडी / शैक्षणिक संस्थानों के भवनो आदि की दीवारों पर लेखन / पोस्टर / पेपरों या किसी अन्य रूप में विरूपण, कटआउट / होर्डिंग्स, बैनर / ध्वज आदि को तत्काल हटा दिया जाएगा। - आयोग द्वारा
(ग) निजी संपत्ति का विरूपण किसी भी निजी संपत्ति पर प्रदर्शित सभी अनधिकृत राजनीतिक विज्ञापन, स्थानीय कानून और न्यायालय के निदेश के अध्यधीन, यदि कोई हो, तो आयोग द्वारा निर्वाचन की घोषणा के 72 घंटों के भीतर तत्काल हटा दिए जाएंगे
व्यय अनुवीक्षण और आदर्श आचार संहिता के प्रवर्तन के लिए गतिविधियां
निर्वाचन:- Phone no. 07412-270487
निर्वाचन घोषणा के बाद ड्रग्स / नशीले पदार्थों की अवैध तस्करी की जाँच करने के लिए फ्लाइंग स्क्वाड, एसएसटी, वीडियो टीम, शराब / नकदी प्रतिबंधित दवाओं की सघन जाँच, उत्पाद शुल्क के उड़न दस्ते द्वारा त्वरित रूप से सक्रिय हो जायेगी।
शिकायत अनुवीक्षण प्रणाली
कॉल सेंटर का टोल फ्री नंबर 1950 है तथा लेण्डलाईन नंबर 07412-270487 है। टोल फ्री कॉल सेंटर नंबर तथा लेण्डलाईन नंबर पर कॉल करके शिकायतें दर्ज की जा सकती हैं। यह प्रणाली घोषणा के 24 घंटे के भीतर कार्यशील होगी। सभी शिकायतों को तुरंत और उचित तरीके से निपटाया जायेगा। जिला स्तर पर 24 x 7 नियंत्रण कक्ष को सक्रिय रहेगा।
आईटी एप "EVIGIL" निर्वाचन घोषणा के साथ ही कार्यशील हो गया है।
1- "cVIGIL" App नागरिकों के लिये चुनाव के दौरान आदर्श आचार संहिता और व्यय उल्लंघनों की रिपोर्ट (शिकायत करने के लिये एक अभिनव मोबाइल एपलीकेशन है। VIGIL App का मतलब सतर्क नागरिक है और यह स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के संचालन में नागरिकों की सक्रिय जिम्मेदार भूमिका पर जोर देता है। "EVIGIL" एक उपयोगकर्ता - संचालित करने में आसान Android Application है जिसका उपयोग चुनाव की अधिसूचना की तारीख से आदर्श आचार संहिता और निर्वाचन व्यय उल्लंघन से संबंधित शिकायतों को रिपोर्ट करने के लिये किया जाता है।
2- इस एप का उपयोग करके नागरिक राजनैतिक कदाचार की घटनाओं को देखने के कुछ ही मिनटों के भीतर रिटर्निंग ऑफिसर के कार्यालय में उपस्थित हुए बगैर तुरंत शिकायत दर्ज कर सकता है। "EVIGIL" सतर्क नागरिकों को जिला नियंत्रण कक्ष, रिटर्निंग ऑफिसर और फील्ड यूनिट यथा उड़नदस्तें / स्थायी निगरानी दलों से जोड़ता है, जिससे एक तीव्र और सटीक रिपोर्टिंग, कार्यवाही और निगरानी प्रणाली तैयार होती है। शिकायत दर्ज करने से पहले आदर्श आचार संहिता तथा निर्वाचन व्यय का उल्लंघन करने वाली गतिविधि की एक तस्वीर या 2 मिनिट का वीडियो क्लिक करके उसका वर्णन करते हुए अपनी शिकायत दर्ज करेगा, शिकायत के साथ ली गई G.I.S. जानकारी स्वचलित रूप से संबंधित जिला नियंत्रण कक्ष को भेजी जायेगी जिससे उडनदस्ता / स्थायी निगरानी दल को कुछ ही मिनिटों में घटना स्थल पर भिजवाया जा सकता है। "EVIGIL" App उपयोगकर्ता को तस्वीर या वीडियो क्लिक करने के बाद किसी घटना की शिकायत करने के लिये 5 मिनिट का समय मिलता है।
3- शिकायतकर्ता द्वारा की गई शिकायत संबधित रिर्टनिंग ऑफिसर के पास ऑनलाईन निराकरण हेतु प्रेषित हो जाती है। यदि शिकायत सही पाई जाती है तो उसकी सूचना अग्रिम कार्यवाही के लिये भारत निर्वाचन आयोग के राष्ट्रीय शिकायत पोर्टल पर प्रेषित की जाती है तथा शिकायतकर्ता को 100 मीनिट के भीतर शिकायत के संबंध में स्थिति से अवगत करवाया जाता है।
एमसीएमसी
सभी पंजीकृत राजनीतिक दल जिला और राज्य स्तर पर गीडिया प्रमाणन और अनुवीक्षण समितियों (एमसीएमसी) से अपने ऐसे सभी राजनीतिक विज्ञापनों के पूर्व प्रमाणीकरण के लिए संपर्क करेंगे।
निर्वाचन प्रचार अभियानों के लिये लाउड स्पीकर का उपयोग:-
क. निर्वाचन की घोषणा दिनांक से परिणामों की घोषणा दिनांक तक की निर्वाचन अवधि के दौरान प्रातः 06 बजे से रात्रि 10 बजे तक लाउड स्पीकर उपयोग की अनुमति दी जायेगी। रात्रि 10 बजे से प्रातः 6 बजे तक इसका उपयोग पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा। प्रतिबंध की अवधि में उपयोग पाये जाने पर लाउड स्पीकर सिस्टम को जप्त कर लिया जायेगा ।
ख. सभी राजनैतिक दलों, उम्मीदवारों और अन्य व्यक्तियों द्वारा जो प्रचार-प्रसार के लिये चलित वाहनो पर लाउड स्पीकर का उपयोग करते हैं जिसमें ट्रकों, टेम्पों, कार, टैक्सी, वेन, तीन पहिया स्कूटर, साइकिल रिक्शा आदि शामिल है के पंजीकरण की सूचना अनुमति देने वाले अधिकारी को दी जायेगी और संबंधित अधिकारी द्वारा परमिट देने वाले वाहन की इस पंजीकरण संख्या का उल्लेख किया जायेगा। कोई भी वाहन जिस पर लाउड स्पीकर का उपयोग किया जा रहा है उसके पास परमिट न होने की दशा में लाउड स्पीकर उपकरण जप्त कर लिया जायेगा।
ग. किसी भी मतदान क्षेत्र में मतदान की समाप्ति के लिये निर्धारित अवधि से पूर्व 48 घंटों की अवधि के दौरान किसी भी प्रकार के वाहनों पर लगाये गये लाउड स्पीकरों के उपयोग करने की अनुमति नही दी जायेगी।
वाहनों का उपयोग
क. वाहनों के काफिले में 10 से अधिक वाहनों की अनुमति नही दी जायेगी। नाम निर्देशन पत्र दाखिल करने के दौरान अभ्यर्थी को रिटर्निंग ऑफिसर के कार्यालय की 100 मीटर की परिधि में अधिकतम 3 वाहन की अनुमति दी जायेगी ।
ख. मतदान के दिन वाहनों का उपयोग - लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 123 (5) में यह प्रावधान है कि मतदान केंद्र पर मतदाताओं को लाने ले जाने हेतु अभ्यर्थी या उसके अभिकर्ता या किसी अन्य व्यक्ति द्वारा अभ्यर्थी या उसके निर्वाचन अभिकर्ता की सहमति से वाहनों को किराये पर लेना या इस्तेमाल करना एक भ्रष्ट आचरण है। यह प्रत्येक धारा 133 के तहत् निर्वाचन अपराध तथा दण्डनीय अपराध भी है जो 500 रू. तक हो सकता है।
ग. मतदान के दिन, निर्वाचन क्षेत्र में मतदान की दिनांक को निर्वाचन लडने वाला प्रत्येक अभ्यर्थी अपने स्वयं के उपयोग के लिये एक वाहन उसके निर्वाचन अभिकर्ता के उपयोग के लिये एक वाहन का उपयोग की अनुमति का हकदार है। चालक सहित 5 से अधिक व्यक्तियों की अनुमति नहीं दी जावेगी। इन वाहनों द्वारा मतदाताओं को लाने ले जाने पर भ्रष्ट आचरण अधिनियम 1951 की धारा 133 और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 123 (5) के अधीन दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी ।
घ. स्वतंत्र और निष्पक्ष निर्वाचन के लिये यह निर्देश दो पहिया वाहनों पर भी लागू होते हैं जैसे - मोटर साइकिल और स्कूटर । मतदान प्रारंभ होने के 24 घंटे के पहले तक और मतदान समाप्ति तक यह प्रतिबंध लागू रहेंगा।
राजनैतिक दल के ध्वज / बैनर का उपयोग :-
निर्वाचन आयोग ने राजनैतिक दल के कार्यकर्ताओं द्वारा वाहनों पर इस्तेमाल किये जाने वाले दल के ध्वज की अधिकतम संख्या और आकार के लिये निम्नवत् निर्देश दिये हैं.
1. एक दुपहिया वाहन पर अधिकतम 1 X 1/2 फुट का एक ध्वज लगाने की अनुमति होगी। प्रत्येक वाहन पर यथोचित आकार के 1 या 2 छोटे स्टीकर लगाने की अनुमति होगी ।
2. तिपहिया, चार पहिया वाहन, ई रिक्शा पर अधिकतम 1 X 1/2 फुट का एक ध्वज लगाने की अनुमति होगी। प्रत्येक वाहन पर यथोचित आकार के 1 या 2 छोटे स्टीकर लगाने की अनुमति होगी। कोई भी बैनर लगाने की अनुमति नही होगी।
3. रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा रोड शो के लिये अभियान वाहन पर अधिकतम 1 X 1/2 फुट का एक ध्वज लगाने की अनुमति दी जायेगी ।
4. ध्वज लगाने के लिये डंडे की लंबाई 3 फुट से अधिक नहीं होगी।
5. किसी भी रोड शो के दौरान हाथ में पकड़कर चलने वाले एक बैनर का अधिकतम
आकार 6X4 फुट का होगा।
6. निर्वाचन प्रचार के दौरान राजनैतिक दलों / अभ्यर्थियों को पोस्टर, बैनर इत्यादि प्रचार सामग्री में प्लास्टिक / पॉलीथिन और इसी तरह की गैर बायोडिग्रेडेबल सामग्री का इस्तेमाल नही करना चाहिये ।
निर्वाचन संबंधी गतिविधियों में बाल श्रम का नियोजन:-
राजनैतिक दलों / अभ्यर्थियों को चुनाव प्रचार में 14 से 18 वर्ष की आयु के बच्चों के उपयोग पर संबंधित किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम 2000 के प्रावधान और इस मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय के निर्णयानुसार करने का परामर्श दिया है।
निर्वाचन प्रक्रिया में पशुओं का उपयोग :-
निर्वाचन आयोग ने राजनैतिक दलों / अभ्यर्थियों को निर्वाचन प्रचार के लिये किसी भी तरीके से किसी भी पशु का उपयोग नही करने के निर्देश दिये हैं। राजनैतिक दलों और अभ्यर्थियों के लिये एडवायजरी
क. किसी भी राजनैतिक दल / उम्मीदवार / व्यक्ति को निर्वाचन अभियान के दौरान किसी भी प्रकार से किसी भी रूप में धर्म के नाम का या धार्मिक आधार का या ऐसी किसी भी गतिविधि के इस्तेमाल का उपयोग नही करना है जिससे लोगों के विभिन्न वर्गों या समूहों के बीच वैमनस्यता पैदा होने की संभावना हो। ऐसी गतिविधियां / वक्तव्य निषिद्ध हैं और इन्हें विधि के विभिन्न प्रावधानों जैसे कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 125, भारतीय दण्ड संहिता की धारा 153 के 153 ख 171 ग, 295क और 505 (2) तथा धार्मिक संस्थान (दुरूपयोग निवारण ) अधिनियम 1988 के अंतर्गत अपराध माना गया है।
ख. किसी भी व्यक्ति को ऐसी किसी गतिविधि में लिप्त नही होना चाहिये या बयान नही देना चाहिये जो किसी व्यक्ति के जीवन पर आक्रमण करने के समान हो या ऐस बयान नही देना चाहिये जो दुर्भावना पूर्ण हो या जिससे शालीनता एवं नैतिकता का हनन होता हो । राजनैतिक दल / अभ्यर्थी ऐसी किसी भी गतिविधि में शामिल नहीं होंगे जो मौजूदा मतभेदों को बढाये या आपसी घृणा पैदा करें या विभिन्न जातियों या समुदायों चाहे वह किसी भी धर्म या भाषा के हो के बीच तनाव पैदा करें और मत हासिल करने के लिये जाति या सांप्रदायिक आधार पर कोई अपील नहीं करेंगे।
पेंप्लेट / पोस्टरो का मुद्रण:-
लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 127-क के निम्न निर्बंधनों का पालन करना अनिवार्य है-
(1) कोई भी व्यक्ति कोई ऐसी निर्वाचन पुस्तिका या पोस्टर जिसके मुख्य पृष्ठ पर उसके मुद्रण और प्रकाशक के नाम और पते नहीं, मुद्रित या प्रकाशित नहीं करेगा और न मुद्रित या प्रकाशित करवायेगा ।
(2) कोई भी व्यक्ति किसी निर्वाचन पुस्तिका या पोस्टर को -
(क) उस दशा के सिवाय न तो मुद्रित करेगा और न मुद्रित करवायेगा। जिसमें वह उसके प्रकाशक की अनन्यता के बारे में अपने द्वारा हस्ताक्षरित और ऐसे 2- व्यक्तियों द्वारा, जो उसे स्वयं जानते है, अनुप्रमाणित द्विपति की घोषणा मुद्रक की परिदत्त कर देता है, तथा (ख). उस दशा में के सिवाय न तो मुद्रित करेगा न तो मुद्रित करवायेगा जिसमें मुद्रक घोषणा पत्र की एक प्रति दस्तावेज की एक प्रति के सहित । (1) उस दशा में जिसमें की वह राज्य की राजधानी में मुद्रित की जाती है।
(2) किसी अन्य दशा में उस जिले के जिसमें की मुद्रित की जाती है जिला दण्डाधिकारी को दस्तावेज के मुद्रण के पश्चात् युक्तियुक्त समय के भीतर भेज देता है ।
( 3 ) इस धारा के प्रयोजन के लिये :-
(क) दस्तावेज की अनेकानेक प्रतियां बनाने की ऐसी किसी प्रक्रिया के बाबत् जो हाथ से नकल करके ऐसी प्रतियां बनाने से भिन्न है यहां समझा जाएगा कि वह मुद्रण है और (मुद्रक) पद का अर्थ तदनुसार लगाया जाएगा।
(ख) निर्वाचन पुस्तिका या पोस्टर से किसी अभ्यार्थी या अभ्यार्थीयों का समूह के निर्वाचन को सम्प्रवर्तित या प्रतिकुलित प्रभावित करने के परियोजन के लिये वितरित कोई मुद्रित पुस्तिका पर्चा या अन्य दस्तावेज या अन्य निर्वाचन के प्रति निर्देश करने वाला कोई प्लेकार्ड या पोस्टर अभिप्रत है, किन्तु किसी निर्वाचन सभी तारीख समय स्थान अन्य विशिष्ठियों की केवल अख्यापित करने वाला या निर्वाचन अभिकर्ताओं या कार्यकर्ताओं की चर्चा संबंधी अनुदेश देने वाला कोई पर्चा, प्लेकार्ड या पोस्टर इसके अंतर्गत नहीं आता ।
( 4 ) जो कोई व्यक्ति उपधारा (1) या उक्त धारा (2) के उपबंधो से किसी का उल्लंघन करेगा वहां कारावास से जिसकी अवधि छ: माह तक की हो सकती है या जुर्माना से जो दो हजार रूपये तक का हो सकेगा या दोनों दण्डनीय होगा ।
मानक संचालन प्रक्रिया: -
1. अंतिम 72 घंटे (पी-3)
Phone no. 07412-270487
निर्वाचन लडने वाले उम्मीदवारों की व्यय पंजी का निरीक्षण मतदान दिवस से 3 दिन पूर्व अनिवार्य रूप से करवाया जाना है।
समस्त निर्वाचन व्यय निगरानी दल जैसे उड़न दस्तें स्थायी निगरानी दल, वीडियो निगरानी दल, वीडियो अवलोकन दल निर्वाचन निगरानी दल, आबकारी दल, मीडिया प्रमाणन और निगरानी समिति, जिला व्यय निगरानी समिति, लेखांकन दल, नियंत्रण कक्ष आदि निर्वाचन के अंतिम 72 घंटों के दौरान पूर्ण मुस्तैदी से कार्य संपादित करेंगे।
अंतिम 72 घंटों के दौरान
मतदाताओं को प्रभावित करने के लिये उपहार सामग्रियों / विवाह / सामुदायिक भवन में भोजन की निःशुल्क व्यवस्था पर सतत् निगरानी रखी जायेगी। अंतिम 72 घंटों के दौरान वैवाहिक / सामुदायिक / मांगलिक भवनों / अतिथि ग्रहों / धर्मशालाओं में समस्त बुकिंग की सूची रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा प्राप्त की जाकर छानबीन करते हुए सम्मेलनों / कार्यक्रमों पर निगरानी रखी जायेगी। राजनैतिक दलों और अभ्यर्थियों द्वारा बड़े पैमाने पर भोजन कराने के बारे में कोई संदेह होने पर आवश्यक कठोर कदम उठाये जायेंगे।
अंतिम 72 घंटों के दौरान भुगतानों एवं मतदाताओं के प्रलोभन के लिये अन्य रूपों पर सतर्कतापूर्वक नजर रखी जायेगी। अंतर्राज्यीय सीमा और वाणिज्यिक कर जांच चौकी पर उचित जांच, शराब के परिवहन पर नजर रखी जायेगी । अननुज्ञप्त हथियारों और गोलाबारूद को खोजने और पकड़ने के लिये अभियान आरंभ किया जायेगा ।
2. अंतिम 48 घंटे ( पी-2)
मतदान समाप्ति के लिये नियत समय के समाप्त होने वाले 48 घंटों की अवधि के दौरान गैर कानूनी सभाओं पर प्रतिबंध और सार्वजनिक बैठकों पर रोक रहेगी। आयोग ने स्पष्ट किया है कि घर-घर जाकर प्रचार अभियान के संबंध में 48 घंटों के दौरान द्वार से द्वार के भ्रमण पर प्रतिबंध नही रहेगा लेकिन धारा 144 के तहत् प्रतिबंधित क्षेत्र में 5 से अधिक व्यक्तियों के एकत्रित होने / एक साथ आवाजाही करने की अनुमति नही होगी।
निर्वाचन अवधि के दौरान अंतिम 48 घंटे के अवधि के दौरान राजनैतिक कार्यकर्ताओं / पार्टी कार्यकर्ताओं / जुलूस कार्यकर्ताओं / अभियान कार्यकर्ताओं आदि, जो निर्वाचन क्षेत्र के बाहर से चुनाव प्रचार के लिये लाये गये हैं और जो उस निर्वाचन क्षेत्र के मतदाता नही है, उन्हें निर्वाचन क्षेत्र में उपस्थित रहने की अनुमति नही है। ऐसे सभी कार्यकर्ता तुरंत निर्वाचन क्षेत्र को छोड़ देंगे।
कल्याण मंडपों / सामुदायिक / मांगलिक भवनों / लॉज / अति में ठहरने वाले व्यक्तियों की सूची पर नजर रखी जायेगी। लोगों या लोगों के समूह पहचान का सत्यापन, यह पता करने के लिये कि वे उस क्षेत्र के निर्वाचक हैं अथवा नही इसकी सघन चैकिंग की जायेगी।
अंतिम 48 घंटों की अवधि के दौरान किसी भी ध्वनि विस्तारक यंत्र के उपयोग की अनुमति नहीं होगी ।
एग्जिट पोल:- निर्वाचन घोषणा के प्रारंभ होने की दिनांक से लेकर अंतिम मतदान तिथि पर मतदान समाप्त होने के 30 मिनिट पश्चात तक देश / प्रदेश में कानून व्यवस्था के तहत् एग्जिट पोल निषिद्ध है।
ओपिनियन पोल:- मतदान के समापन के लिये नियत समय के साथ समाप्त होने वाले
48 घण्टों में किसी भी समय आयोजित किसी भी ओपिनियन पोल का कोई भी परिणाम किसी भी तरीके से प्रिंट या इलेक्ट्रोनिक मिडिया द्वारा प्रचारित या प्रसारित नहीं किया जावेगा। सभी प्रिंट ओर इलेक्ट्रोनिक मिडिया को औपचारिक रूप से एग्जिट पोल और ओपिनियन पोल के बारे में आयोग के निर्देशों का पालन करना अनिवार्य है।
3. अंतिम 24 घंटे एवं मतदान दिवस
अभ्यर्थियों के निर्वाचन बूथ - एक टेबल, 2 कुर्सियां, बगैर शामियाना / टेंट के, 3 x 1.5 फुट तक के आकार का 1 बैनर, मतदान केन्द्र से 200 मीटर की दूरी, बूथ पर तैनात व्यक्तियों का अपना निर्वाचक फोटो पहचान पत्र साथ में रखना होगा, किसी भी पर्ची या किसी भी राजनैतिक सामग्री का कोई वितरण नहीं किया जावेगा। निर्वाचन बूथ के लिये उक्त शर्तो का पालन तथा सक्षम प्राधिकारी से वैध अनुमति अनिवार्य हैं।
> निर्वाचन व्यय लेखा के संबंध में मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों के परामर्श से सामग्री की दरों का स्थानीय स्तर पर प्रचलित दरों के आधार पर निर्धारण किया जा चुका हैं। > निर्वाचन लडने वाले अभ्यर्थियों के लिये व्यय की जाने वाली अधिकतम राशि की सीमा
आयोग द्वारा रू 40.00 लाख निर्धारित है। > नामांकन प्रक्रिया की जानकारी जिसमें नामांकन जमा करने हेतु निर्धारित किये गये स्थानों की जानकारी निम्नवत है :-
क्रमांक:- विधानसभा क्षेत्र का नाम / क्रमांक
1 . 219 रतलाम ग्रामीण (अजजा)
2 . 220- रतलाम सिटी
3 . 221-सैलाना (अजजा)
4 .222 जावरा
5 . 223-आलोट (अजा)
रिटर्निंग अधिकारी / सहायक रिटर्निंग अधिकारी को नाम निर्देशन पत्र जमा करने का स्थान अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) रतलाम ग्रामीण का
न्यायालय कक्ष, रतलाम
अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) रतलाम शहर का न्यायालय
कक्ष, नवीन कलेक्टोरेट भवन रतलाम अनुविभागीय अधिकारी
(राजस्व) का न्यायालय कक्ष सैलाना
अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) का न्यायालय कक्ष जावरा
अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) का न्यायालय कक्ष आलोट
आवश्यक दूरभाष क्रमांक:-
जिला निर्वाचन कार्यालय का कंट्रोल रूम तथा दूरभाष क्रमांक टोल फ्री नं. 1950 एवं
सामान्य जानकारी :-
07412-270487
1. नरेन्द्र कुमार सूर्यवंशी, कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी रतलाम मो0 7692970993 2. श्री राहुल कुमार लोढा, पुलिस अधीक्षक, जिला-रतलाम मो0 8989444437
3. डॉ. शालिनी श्रीवास्तव, अपर कलेक्टर एवं उप जिला निर्वाचन अधिकारी, मो0 9425359770
4. राधेश्याम मण्डलोई अपर जिला दण्डाधिकारी रतलाम मो० 7869226652
5. राकेश खाखा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, रतलाम मो0 9425120055